विषयों के साथ समग्रता में काम हो
हम अपने जीवन को देखें तो पाएंगे कि वह विषयों की तरह बंटा हुआ नहीं है। इसलिए विषयों को एक साथ समेकित करके शिक्षण कार्य करवाने की बात जोर देकर की जाने लगी है।
विद्यालयों में प्रोजेक्ट कार्य इसका अच्छा उदाहरण है। किसी प्रोजेक्ट पर काम करते समय बच्चे जब उसके बारे में खोजबीन कर कर रहे होते हैं तब वे उसका इतिहास जान रहे होते हैं।
जब आंकड़ों को जान रहे होते हैं तब वे गणित और विज्ञान विषय पर काम कर रहे होते हैं और जब वे लिख रहे होते हैं तब भाषा पर काम कर रहे होते हैं।
यूं समग्रता में सीखना बच्चों को सीखने के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है। स्वयं देखने, खोजने, विश्लेषण करने और निष्कर्ष तक पहुंचने के कौशलों का विकास करता है।
इसके अलावा भ्रमण करना, बाल पत्रिकाएं पढ़ना, समाचार पत्र पढ़ना, थियेटर करना बच्चों को बहुत कुछ नया सिखाता है। अभिभावक जब सीखने का वातावरण व अवसर उपलब्ध करवाते हैं तो बच्चों की क्षमताएं भी बढ़ती हैं।